नियमावली
संस्था का नाम - समाज कल्याण निकेतन.
संस्था का पता- ए-1365/12, इन्दिरा नगर, जिला- लखनऊ.
संस्था का कार्य क्षेत्र- सम्पूर्ण भारतवर्ष.
संस्था की सदस्यता तथा सदस्यों के वर्ग
सदस्यता - इसमें वे सभी वैतनिक -अवैतनिक पत्रकार, स्वतन्त्र पत्रकार, छायाकर, सदस्यता ग्रहण कर सकते है। जिनकी संस्था के नियमों एवं उद्देष्यों में पूर्ण आस्था हो एवं पत्रकार व छायाकार के रूप में कार्य कर रहे हो सदस्य बनाये जा सकेगें। सदस्य बनने के इच्छुक आवेदक को आवेदन उपरान्त सस्था कें कार्यपालक/ अध्यक्ष , महामंत्री की अनुमति /सहमति से ही सदस्यता प्राप्त होगी।
आजीवन सदस्य - मीडिया जगत से सम्बन्धित व्यक्ति निस्वार्थ भाव से एक मुस्त 21 हजार रूपया नगद या इतने मूल्य की सम्पत्ति प्रदान करेगा वह व्यक्ति संस्था का आजीवन सदस्य बनाया जायेगा।
सामान्य सदस्य - जो आवेदक संस्था के विकास हेतु रूपया 201/वार्षिक प्रदान करेगा वह संस्था का सदस्य बनाया जायेगा। 5. सदस्यता समाप्ति- 1. मृत्यु हो जाने पर । 2. पागल या दिवालिया हो जाने पर। 3. संस्था के प्रति हानि कारक कार्य करने पर । 4. किसी अपराध में न्यायालय द्वारा दण्डित होने पर। 5. सदस्यता शुल्क न जमा करने पर। 6. अविश्वास प्रस्ताव एवं त्याग पत्र स्वीकार होने पर । 7. बिना सूचना दिये लगातार 03 बैठकों में अनुपस्थित रहने पर । 6. संस्था के अंग (अ) संरक्षक मंण्डल (ब) साधारण सभा (स) प्रबन्धकारिणी समिति 7- गठन (अ) संरक्षक मंण्डल- प्रतिष्ठित नागरिक, आजीवन, सामान्य एवं मानद सदस्यों में से संस्था का संरक्षक बनाया जायेगा। यह संरक्षक मण्डल के सदस्य कहे जायेगें। संस्था में सरक्षक मण्डल की भूमिका अभिभावक की भॉति होगी। (ब) साधारण सभा- संस्था के आजीवन ,एवं सामान्य सदस्यों को मिलाकर साधारण सभा का गठन होगा। (स) प्रबन्धकारिणी समिति- प्रबन्धकारिणी समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों का निर्वाचन आजीवन एवं सामान्य सदस्य करेगे। साधारण सभा निर्वाचन का अनुमोदन करेगी। प्रबन्धकारिणी समिति का कार्यकाल अधिकतम 02 वर्ष का होगा। बैठके- साधारण सभा की सामान्य बैठक वर्ष में एक बार व विशेष बैठक आवश्यकतानुसार सदस्यों को सूचना देकर कभी भी बुलायी जा सकती है। सूचना अवधि- साधारण सभा की सामान्य बैठक 15 दिन पूर्व तथा विशेष बैठक की सूचना सात दिन पूर्व सदस्यों को दी जायेगी। गणपूर्ति- साधारण सभा में कुल सदस्यों की 2/3 सदस्यों की उपस्थिति गणपूर्ति मानी जायेगी। विशेष वार्षिक अधिवेशन की तिथि-साधारण सभा का वार्षिक अधिवेशन वर्ष में एक बार होगा जिसकी तिथि प्रबन्धकारिणी समिति के दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से की जायेगी। संरक्षक मंण्डल के अधिकार एवं कर्तव्य- 1.़ प्रबन्धकारिणी की समिति का मार्ग निर्देशन करना। 2. संस्था के क्रिया कलापों का पर्यवेक्षण करना। 3. संस्था के विस्तार प्रक्रिया में सहयोग करना। साधारण सभा के अधिकार एवं कर्तव्य- 1.प्रबन्धकारिणी समिति के निर्णयांे एवं पारित प्रस्तावों का अनुमोदन करना। 2. संस्था के वार्षिक बजट एवं वार्षिक रिपोर्ट पारित करना। 3.संस्था हित मे लाये प्रस्तावों, संशोधन , परिवर्तन पर विचार कर अनुमोदन प्रदान करना। 8- प्रबन्धकारिणी समितिः- गठनः- मानद सदस्यों द्वारा निर्वाचित तथा साधरण सभा द्वारा अनुमोदित प्रबन्धकारिणी समिति में पद मुख्य कार्यपालक(नामित प्रदेश )एक, अध्यक्ष एक, महामंत्री एक, उपाध्यक्ष तीन, सचिव एक(नामित प्रदेश ), सयुक्त मंत्री एक, सगंठन मंत्री एक, कोषाध्यक्ष एक(नामित प्रदेश ), सदस्यो की संख्या 06 होगी। प्रबन्धकारिणी समिति की कुल संख्या 16 होगी। आवष्यकता अनुसार संख्या घटाई व बढाई जा सकती है। बैठकः- प्रबन्धकारिणी समिति की सामान्य बैठक वर्ष में चार बार व विशेष बैठक कभी आवश्यकतानुसार पदाधिकारी एवं सदस्यों को सूचना देकर बुलाई जा सकती हैं। सूचना अवधिः- प्रबन्धकारिणी समिति की सामान्य बैठक की सूचना सात दिन पूर्व व विशेष बैठक की सूचना तीन दिन पूर्व सदस्यों को दी जायेगी। गणपूर्तिः- प्रबन्धकारिणी समिति के कुल सदस्यों में 2/3 सदस्यों की उपस्थित गणपूर्ति होगी। रिक्त स्थानों की पूर्ति - प्रबन्धकारिणी समिति के अर्न्तगत किसी भी प्रकार के पद के आकस्मिक स्थान रिक्त होने पर उसकी पूर्ति साधारण सभा के 2/3 सदस्यों के बहुमत से शेष कार्यकाल के लिए की जायेगी। प्रबन्धकारिणी समिति के अधिकार एवं कर्तव्य- 1. संस्था की उन्नति कें लिए मार्गदर्षक मण्डल, निदेषक मण्डल एवं वित्तीय सलाहकारों की नियुक्ति करेगा। 2. संस्था के सदस्यों का हित संरक्षण करना एवं विभिन्न क्षेत्रों के विषेषज्ञ एवं दक्ष व्यक्तिायों को संस्था के हित में मानदेय की व्यवस्था की जायेगी। 3. संस्था हित में सुझाव प्रस्ताव योजना तैयार कर क्रियान्यन करना। एवं सस्था अपने संसाधनों से महाप्रबन्धक एवं निदेषक, व अन्य पदों एवं सहायक कार्यकारिणी की व्यवस्था करना। संस्था हित में नयी नियमावली बनाना एवं सहायक कार्यकारिणी से पालन कराना। 4. साधारण सभा द्वारा पारित, अनुमोदित प्रस्तावों, योजनाओं को क्रियान्वित करना। एव वार्षिक बजट तैयार करना। 5. विषम विषेष परिस्थियों में साधारण सभा के प्रस्तावों को अस्वीकृत करना अथवा कुछ समय के लिए अवरूद्ध करना। 6. संस्था की चल/अचल सम्पत्ति की रक्षा करना व उस पर नियन्त्रण रखना एवं ऋण अनुदान व चंदा प्राप्त कर संस्था के उद्देष्यों की पूर्ति करना। कार्यकाल- प्रबन्ध कारिणी समिति का कार्यकाल 02 वर्ष का होगा। 10 संस्था के नियमों एवं विनियमों में संशोधन प्रक्रिया- साधारण सभा के 2/3 सदस्यों के बहुमत से संस्था के नियमों विनियमों के संशंोधन परिवर्तन एवं परिवर्धन किया जा सकेगा। प्रबन्धकारिणी समिति की स्वीकृति सहित कार्यपालक की सहमति आवश्यक होगी। 11. सस्था का कोष- 1. सस्था का कोष किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/स्थानीय मान्यता प्राप्त बैंक/सहकारी बैंक/शेड्यूल्ड बैंक, पोस्ट आफिस में संस्था के नाम खाता खोलकर किया जा सकेगा। 12. संस्था के आय व्यय का लेखा परिक्षण(आडिट)- संस्था के आय व्यय का लेखा परीक्षण प्रतिवर्ष सुयोग्य आडिटर द्वारा या अधिवक्ता द्वारा कराया जायेगा। 13. संस्था द्वारा अथवा उसके विरूद्ध अदालती कार्यवाही के संचालन का उत्तरदायित्व- संस्था द्वारा अथवा उसके विरूद्ध अदालती कार्यवाही के ंसचालन का उत्तरदायित्व कार्यपालक का होगा या उसके द्वारा अधिकृत किसी भी अन्य व्यक्ति पर होगा। 14. संस्था के अभिलेख- 1. सदस्यता रजिस्टर। 2. कार्यवाही रजिस्टर। 3. स्टाक रजिस्टर। 4. एजेण्डा रजिस्टर। 5. कैषबुक, लेजरबुक आदि। 15 विघटन- संस्था के विघटन एवं विघटित सम्पत्ति के निस्तारण की कार्यवाही सोसाइटीज रजिस्ट्रेषन एक्ट की धारा 13 व 14 के अर्न्तगत की जायेगी।